रम्यांतर सर्व-सर्वत्र के लिए एक आमंत्रण है..

रम्यांतर वेब पोर्टल एक व्यक्तिगत प्रयास है। साहित्य, संस्कृति, कला एवं लोकभाषा भोजपुरी से संयुक्त है यह पोर्टल। सहज रुचि, परिष्कृत  अध्ययन व लेखन, अनुभूति का सहज प्रकाशन और सर्व के लिए सहज प्रदर्शन का संस्कार समेट कर बना है यह वेब-स्थल। एक उत्फ़ुल्ल अध्येता का चंचल मन है इसके पीछे अतः किसी एक विषय अथवा गति से न जुड़कर यह स्थल यत्र-तत्र-सर्वत्र के चित्र-विचित्र सब कुछ यहाँ परोसता है। सबकी रुचि का, सबके मन का, सबके साथ-साथ। 

रम्यांतर साहित्य का शृंगार सदन है। रम्यांतर संस्कृति संचरण की वीथिका है। रम्यांतर कला का केलिकुंज है। रम्यांतर तद्गत वस्तु का सिद्धान्त और शिल्पन कम रसोद्वेलन और रसास्वादन अधिक है। रम्यांतर ओजस का परिपाक है। 

रम्यांतर में शैशव की ठुनक है, यौवन की पुलक है, प्रौढ़ता की सिहरन है और है वार्धक्य का विलयन। रम्यांतर में मूलाधार भी है सहस्रार भी है। रम्यांतर में ‘जो था’ का कीलक है, ‘जो है’ की अर्गला है, ‘जो होना चाहिए’ का कवच है।

रम्यांतर एक ‘पर्व योग’ है, जिसमें अमा और पूर्णिमा दोनों का मेल जुटता है।रम्यांतर रम्य अंतर का है, रम्य अंतर के लिए है, रम्य अन्तर के द्वारा है– Of the people, for the people, by the people. 

रम्यांतर सर्व सर्वत्र के लिए एक आमंत्रण है!

लोकभाषा की सहज मिठास का दर्शन सर्वत्र है यहाँ। लोकभाषाओं में लिपटी साहित्य की अनेकों विधायें यहाँ ठुमकती मिलेंगी।

ब्रह्मानन्द सहोदर साहित्य का आँचल पकड़े रचनाकार की दार्शनिक, आध्यात्मिक एवं स्वान्तःसुखीन रचनाओं का सहज प्रकाशन है यहाँ।

भाषा-साहित्य की अनगिन रचनाओं का हिन्दी में काव्यानुवाद एवं अनेकों मौलिक अंग्रेजी रचनायें इस पृष्ठ को एक नया आयाम देती हैं। इनसे परिचित हों, आमंत्रण!

Hindi Translation of Why Literature by Mario Vargas Llosa

पेरू के प्रख्यात लेखक मारिओ वर्गास लोसा (Mario Vargas Llosa) एक महत्वपूर्ण लैटिन अमेरिकी साहित्यकार हैं। इन्हें वर्ष 2010 में

Himanshu Pandey By Himanshu Pandey