रम्यांतर वेब
रम्यांतर का यह वेब पता इसलिये बना था कि जितना यत्र-तत्र लिखा या कहा जा रहा है, उसे इकट्ठा कर लूँगा। यह जो भी बिखरा था, उसमें बहुत कुछ मेरा और बहुत कुछ बाबूजी का लिखा था।
2008 से हिन्दी में ब्लॉगस्पॉट पर सच्चा शरणम् (Sachcha Sharanam) नाम से लिखा जाने वाला ब्लॉग, भोजपुरी के लिये अँजोर, अंग्रेजी प्रविष्टियों के लिए Eternal Sharing Literature तथा बाबूजी की रचनाओं के लिए अखिलं मधुरम् (Akhilam Madhuram) ब्लॉग पर रचनाएँ थीं। साथ ही बहुत सारी दूसरी जगहों पर भी लिखा यूँ ही बिखरा पड़ा था।
सबको समेटने के उद्देश्य से एक व्यक्तिगत डोमेन पते के साथ वर्डप्रेस पर आने के निर्णय के फलस्वरूप रम्यांतर अस्तित्व में आया। तो इस वेब स्थल पर जो कुछ भी है सबका प्रकाशन और प्रबंधन मेरे जिम्मे है।
सभी ब्लॉग्स की रचनायें इस रम्यांतर-Ramyantar मूल डोमेन पते के अन्तर्गत विभिन्न सब-डोमेन में प्रबंधित हैं। प्रारंभ में रम्यांतर.कॉम (ramyantar.com) को मैंने सामान्यतः स्थिर रखा और इस पर बनाये गए सब-डोमेन (Sub-domain) पर निर्मित वेबस्थल ही सक्रिय रहे। इनसे ही विषयानुसार प्रविष्टियों के आने का क्रम जारी रहा।
बाद में यह निर्णय किया कि रम्यांतर.कॉम (ramyantar.com) पर भी यत्र-तत्र बिखरी अन्यान्य विषयों की वह रचनायें जो किसी भी ब्लॉग पर प्रकाशित नहीं हैं, उन्हें प्रकाशित कर सुरक्षित कर लिया जाय, सो इस स्थल को भी सक्रिय करने का प्रयास है।
चूँकि सभी अन्य वेबस्थल इसी रम्यांतर मूल डोमेन के ही अंग हैं अतः मूल डोमेन सामग्री रहित हो यह भी ठीक नहीं। अतः सामग्री इस वेबस्थल पर भी प्रकाशित होती रहेंगी।